नदियों के संकट पर काम,यह तो जीवन का काम है : जलपुरुष राजेंद्र सिंह

– नदियों के संकट पर काम,यह तो जीवन का काम है : जलपुरुष राजेंद्र सिंह

दरभंगा(बिहार)। दीपक कुमार तिवारी।

वर्ल्ड नेचुरल डेमोक्रेसी द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में भारत की सूखी नदियों के लिये नदी सत्याग्रह किया गया। दरभंगा जिला में लोगों ने प्रातः 7 बजे से संध्या 5 बजे तक स्वेच्छा से उपवास पर रहना निर्धारित किया। दरभंगा में सत्याग्रह का स्थल निकटतम कमला नदी थी। जो ब्रह्मस्थान, उत्तरवारी टोल, कवरिया, धोईघाट में है। सत्याग्रही कमला नदी के अन्दर उतरे और नदी में बैठे। फिर नदी का अवलोकन करते हुये नदी के संग-संग चले। कमला नदी का हाल देखकर सत्याग्रही शब्दहीन हो गये। डब्ल्यूएनडी अध्यक्ष, लेखक एवं पृथ्वी अधिकार कार्यकर्ता डॉ. जावैद अब्दुलाह ने बताया कि नदी सत्याग्रह बिहार व अन्य हिस्सों में भी सूखी नदियों पर होने वाले कार्यक्रम की प्रेरणा बनी है। एशिया का नोबेल प्राइज़ कहा जाने वाले रेमॉन मैग्सेसे प्राप्त विजेता और दर्जन भर नदियों को जीवित करने वाले अन्तरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त पर्यावरणविद जलपुरुष राजेन्द्र सिंह ने नदी सत्याग्रह पर अपने सन्देश प्रेषित करते हुये कहा कि “वर्ल्ड नेचुरल डेमोक्रेसी और जावैद अब्दुल्लाह के नृतेत्व में नदियों को जानने और नदियों पर जो संकट है,उसको समझ कर उसके समाधान खोजने के लिये सत्याग्रह शुरू कर रहे हैं। नदियों को जानना और नदियों का जो संकट है, उसका समाधान ढूँढना, आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है। इसके लिये मैं जावेद अब्दुल्लाह को उन्होंने बधाई दिया। उन्होंने कहा कि यह एक दिन का काम नहीं है। यह तो जीवन का काम है,जिसे पूरा जीवन करना होता है। वहीं प्रसिद्ध वनस्पति वैज्ञानिक और पर्यावरणविद प्रो. विद्यानाथ झा ने स्थानीय लोगों से बात की। जिसके बाद उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं, किस प्रकार से कमला मृत प्रायः हो गई है,जबकि 15-20 साल पहले तक सालों भर इसमें पानी रहा करता था। आज कमला की दसों शाखाओं की धारायें सूख गई हैं। समाज और सरकार का ध्यान इस तरफ़ आकर्षित करने की आवश्यकता है। प्रो. झा ने कहा कि आज हम लोग आयें हैं, इसी तरह अन्य लोगों के साथ आने से धरती और उसकी नदियों का कल्याण होगा। पशु-पक्षियाँ सबका कल्याण होगा।


ज्ञात हो कि नदी सत्याग्रह पर किशोर न्यायालय बोर्ड के सदस्य अजीत कुमार मिश्र, रीता सिंह (पूर्व पार्षद नगर निगम), बाल कल्याण समिति सदस्य इन्दिरा कुमारी एवं तालाब बचाओ अभियान के नारायण चौधरी ने वर्ल्ड नेचुरल डेमोक्रेसी के नदी सत्याग्रह प्रस्ताव पर आम सहमति प्रदान की।उन्होंने कहा कि हम सभी के साझा प्रयास से तालाब बचाओ के साथ-साथ नदियों पर भी चिन्ता करने की ज़रुरत है। नारायण जी ने इस सत्याग्रह का उद्देश्य रखते हुये कहा कि नदी के किनारे लोग जायें और वहाँ जाकर नदी को देखें। वहाँ जो समाज है उनसे बात करें और फिर कैसे नदी पर काम हो सकता है, इसकी सम्भावना खोजें। ग्रामीण रघुवंशी यादव बताया कि कमला नदी में हमलोग ‘कनबह’ यानि नदी से नाला बनाकर लगभग 350 एकड़ की सिंचाई करते थे। आज नदी की बदतर हाल है। इस दौरान डॉ. सुशील कुमार, विकास कुमार, क़िबलतैन अहमद, ग्रामीण रामबाबू, जगरूप, शिवशंकर,डब्ल्यूएनडी सचिव अनिल कुमार, कोषाध्यक्ष फ़ज़ले हक़, डॉ. आशुतोष व्यास, प्रेम शंकर झा (एडवोकेट, नई दिल्ली) सदस्या हलीमा एवं आतिका महजबीं भी थीं।

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