*छठ-दिवाली में ट्रेन यात्रा बना मुश्किल: बिहार लौटने के लिए लोगों की भीड़, टॉयलेट में खड़े और पंखे से लटके दिखे यात्री*
पटना — छठ और दिवाली पर्व के मौके पर बिहार लौटने वाले प्रवासी यात्रियों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है, जिसके चलते ट्रेनों में स्थिति बेहद खतरनाक हो गई है। हर साल की तरह इस बार भी ट्रेनें खचाखच भरी हुई हैं, और स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि लोग टॉयलेट में खड़े होकर या फिर पंखों से लटक कर यात्रा करने को मजबूर हैं।
*ट्रेनों में भीड़ का आलम: कोई सीट नहीं, सिर्फ भीड़*
इस समय ज्यादातर ट्रेनें पूरी तरह भरी हुई हैं, और यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्लीपर कोच में भी यात्रियों को घंटों खड़े रहना पड़ रहा है, जबकि जनरल कोच की स्थिति अत्यधिक भयावह हो चुकी है। कुछ यात्रियों ने बताया कि उन्हें टॉयलेट में भी पैर रखने की जगह नहीं मिल रही है और वहां पर भी आठ-दस लोग बैठे दिख रहे हैं।
*जनरल बोगी का टिकट लेकर स्लीपर में यात्रा*
स्लीपर कोच में सफर कर रहे यात्रियों ने शिकायत की कि कई लोग जनरल बोगी का टिकट लेकर भी स्लीपर बोगी में घुस रहे हैं। इससे स्थिति और भी खराब हो रही है, क्योंकि इस कारण अधिक लोग स्लीपर कोच में पहुंच रहे हैं। यात्रियों का कहना है कि रेलवे प्रशासन की ओर से इस पर किसी तरह का कोई नियंत्रण नहीं है।
*स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था केवल नाम की: यात्रियों का आरोप*
रेलवे ने छठ और दिवाली के मद्देनजर 100 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें चलाने की घोषणा की है। हालांकि, यात्रियों का आरोप है कि यह सिर्फ कागजों पर है, और जमीनी स्तर पर कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं दिख रही है। अधिकांश ट्रेनें इतनी भरी हुई हैं कि लोगों के लिए यात्रा करना जान का जोखिम बन चुका है।
यात्रियों का कहना है कि रेलवे प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए ताकि पर्वों के समय लोगों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अवसर मिल सके।