वाराणसी में हाई-प्रोफाइल सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, भाजपा नेता शालिनी यादव के परिवार का नाम आने से सियासत में भूचाल

-वाराणसी में हाई-प्रोफाइल सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, भाजपा नेता शालिनी यादव के परिवार का नाम आने से सियासत में भूचाल

वाराणसी। वाराणसी में सोमवार देर रात शक्ति शिखा अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर–112 में पुलिस और SOG ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए एक हाई-प्रोफाइल सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया। यह फ्लैट भाजपा नेता शालिनी यादव के पति अरुण यादव के नाम पर दर्ज है, जिससे राजनीतिक सरगर्मी अचानक तेज़ हो गई है।

छापेमारी के दौरान पुलिस ने 9 लड़कियों और 4 लड़कों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया। फ्लैट से भारी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री, रजिस्टर, ट्रांज़ैक्शन एंट्री और कई मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार बरामद दस्तावेज़ बताते हैं कि यह धंधा लंबे समय से संगठित तरीके से चल रहा था।

सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को पुख्ता सूचना मिली थी कि यह फ्लैट स्पा सेंटर के नाम पर जिश्मफरोशी का अड्डा बन चुका है। इसके बाद महमूरगंज, भेलूपुर और कैंट क्षेत्र के कई अन्य स्पा सेंटरों पर भी एक साथ कार्रवाई की गई—जहाँ से मिले इनपुट ने पूरे नेटवर्क की जड़ें हिला दीं।

इस मामले के सामने आते ही वाराणसी की सियासत में हलचल शुरू हो गई है। फ्लैट का नाम अरुण यादव के नाम पर होने से कई राजनीतिक सवाल उठ रहे हैं।
शालिनी यादव, जो पहले कांग्रेस की मेयर प्रत्याशी, फिर सपा की लोकसभा उम्मीदवार और अब भाजपा की नेता हैं, ने इसे “सोची-समझी साज़िश” करार दिया है। उन्होंने कहा—

“मेरी राजनीतिक छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। जल्द ही पूरे मामले पर विस्तृत प्रतिक्रिया दूँगी।”

पुलिस का कहना है कि रजिस्टर में दर्ज तिथियाँ, नाम और लेन-देन की जानकारी इस बात का संकेत देती है कि यह रैकेट का कारोबार काफी समय से चल रहा था। पूरे नेटवर्क और इसमें शामिल अन्य लोगों की पहचान के लिए जांच तेज़ कर दी गई है।

फैशन डिजाइनर से राजनीति में कदम रखने वाली शालिनी यादव हमेशा सुर्खियों में रही हैं, लेकिन इस घटना ने उनकी राजनीतिक यात्रा पर सवालिया साया डाल दिया है। शहर में सबसे बड़ा सवाल यही गूंज रहा है—
आख़िर इस पूरे खेल का असली मास्टरमाइंड कौन है?

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