परमात्मा का दिव्य कर्तव्य: पिता, शिक्षक और सतगुरु के रूप में अवतरण

-परमात्मा का दिव्य कर्तव्य: पिता, शिक्षक और सतगुरु के रूप में अवतरण

खानपुर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, समस्तीपुर द्वारा दुर्गा मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय राजयोग मेडिटेशन शिविर के तीसरे दिन बीके सविता बहन ने परमात्मा के दिव्य कर्तव्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि परमात्मा, जो जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हैं, ब्रह्मा तन में अवतरित होकर श्रेष्ठ ज्ञान प्रदान करते हैं। यह ज्ञान नई सृष्टि की स्थापना और आत्मा के उत्थान का मार्गदर्शन करता है।

सविता बहन ने कहा, “परमात्मा पिता के रूप में सुख-शांति की वसीयत, शिक्षक के रूप में दैवी पद की योग्यता, और सतगुरु के रूप में सद्गति का मार्ग दिखाते हैं। उनके ज्ञान को अपनाकर हम स्वयं को देव तुल्य बना सकते हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान समय में ज्ञान, आत्म-परिवर्तन और नई दुनिया की स्थापना का कार्य जारी है। यह सात दिवसीय शिविर प्रतिदिन दोपहर 2:00 से 3:30 बजे तक दुर्गा मंदिर परिसर में आयोजित किया जा रहा है।

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