तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जदयू के अभिषेक झा ने किया नामांकन
तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जदयू के अभिषेक झा ने किया नामांकन
संवाददाता। मुजफ्फरपुर।
जेडीयू के देवेश चंद्र ठाकुर के सांसद बन जाने के बाद खाली हुई तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की सीट पर लड़ाई रोचक हो गई है। बिहार विधान परिषद की इस सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है। प्रमुख मुकाबला आरजेडी और जेडीयू के बीच बताया जा रहा है। जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने मंगलवार को तिरहुत स्नातक क्षेत्र से उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। अभिषेक झा के नामांकन में एनडीए में गजब की एकजुटता दिखी। आशीर्वाद सभा में शामिल होने के लिए डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा सहित बड़े नेता मंच पर मौजूद रहे।
इसके अलावा बिहार सरकार में मंत्री विजय चौधरी, सुनील कुमार, रत्नेश सदा, जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार, सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने भी अभिषेक झा को आशीर्वाद दिया। पिछली बार इस सीट से जेडीयू के देवेश चंद्र ठाकुर को जीत मिली थी। उनके सांसद बन जाने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। हालांकि, शिक्षक नेता बंशीधर ब्रजवासी भी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। कहा जा रहा है कि उनको भी स्नातक मतदाताओं का भरपूर समर्थन हासिल है।
मुजफ्फरपुर जिले के क्लब मैदान में नामांकन के दौरान आशीर्वाद सभा का आयोजन हुआ। इसमें एनडीए नेताओं ने अभिषेक झा के समर्थन में कई बड़ी बातें कही। अभिषेक झा जेडीयू के कम समय में बेहतर प्रवक्ता बन कर सामने आए हैं। वे पार्टी की बात सोशल मीडिया सहित टीवी डिबेट में खुलकर सामने रखते हैं। पार्टी की तरफदारी में खुलेआम अपनी बात कहते हैं। अभिषेक झा का पार्टी के अंदर भी समीकरण काफी स्पष्ट है। उन्हें जेडीयू के शीर्ष नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त है। इसलिए अभिषेक झा की जीत को लेकर पार्टी आश्वस्त है।
अभिषेक झा ने एनआईटी से सिविल इंजीनियरिंग की है। वे शिक्षा के क्षेत्र से राजनीति में आए हैं। उन्होंने पहले उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी का दामन थामा था। बाद में उन्होंने जेडीयू ज्वाइन कर लिया। जेडीयू में उन्होंने कई अहम जिम्मेदारी निभाई। उसके बाद उन्हें प्रवक्ता बनाया गया। अब पार्टी ने उन्हें तिरहुत स्नातक क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है। विधान परिषद उपचुनाव की पूरी प्रक्रिया 14 दिसंबर तक हो जानी है। दरअसल, नियमानुसार पद रिक्त होने के 6 महीने के अंदर तक निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी कर लेनी है और यह अवधि 14 दिसंबर को पूरी हो रही है।