भारत कला भवन में “गंगा–कावेरी सम्प्रवाह” विशेष प्रदर्शनी का शुभारंभ

काशी तमिल संगमम् 4.0 के तहत उत्तर–दक्षिण सांस्कृतिक सेतु का अनूठा प्रदर्शन

-भारत कला भवन में “गंगा–कावेरी सम्प्रवाह” विशेष प्रदर्शनी का शुभारंभ

-काशी तमिल संगमम् 4.0 के तहत उत्तर–दक्षिण सांस्कृतिक सेतु का अनूठा प्रदर्शन

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित भारत कला भवन में 3 से 15 दिसंबर 2025 तक विशेष प्रदर्शनी “गंगा–कावेरी सम्प्रवाह” का आयोजन किया जा रहा है। यह प्रदर्शनी काशी तमिल संगमम् 4.0 के अवसर पर लगाई गई है, जिसका उद्देश्य उत्तर भारत के काशी और दक्षिण भारत के तमिलनाडु के बीच सहस्राब्दियों पुराने सांस्कृतिक, कलात्मक और धार्मिक संबंधों को उजागर करना है।

प्रदर्शनी में चम्बू (गंगा–जमुनी कलश), चोल कालीन कांस्य प्रतिमाएँ, दक्षिण भारतीय पाषाण मूर्तिकला, कांचीपुरम ब्रोकेड वस्त्र, तथा दुर्गा सप्तशती का लघुचित्र जैसी दुर्लभ और चयनित कलाकृतियाँ प्रदर्शित की गई हैं। ये कलाकृतियाँ उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान की समृद्ध परंपरा को सजीव रूप में प्रस्तुत करती हैं।

अधिकारीगण के वक्तव्य:

अमीश त्रिपाठी,
नोडल अधिकारी, काशी तमिल संगमम् (KTS) ने कहा—
“यह प्रदर्शनी काशी और तमिलनाडु के बीच हजारों वर्षों से चले आ रहे सांस्कृतिक संवाद का जीवंत प्रमाण है।”

प्रो. अंचल श्रीवास्तव,
ने कहा—
“भारत की कला, संस्कृति और अध्यात्म के सेतु को यह प्रदर्शनी और अधिक सशक्त बनाती है।”

डॉ. निशांत,
उप निदेशक, भारत कला भवन ने कहा—
“भारत कला भवन के आरक्षित संग्रहों से चुनी गई ये कलाकृतियाँ हमारी राष्ट्रीय सांस्कृतिक एकता को नए सिरे से रेखांकित करती हैं।”

डॉ. श्रीरूप राय चौधुरी,
निदेशक, भारत कला भवन ने बोले—
“गंगा–कावेरी सम्प्रवाह सिर्फ प्रदर्शनी नहीं, बल्कि भारत की साझा कलात्मक और आध्यात्मिक विरासत का उत्सव है।”

भारत कला भवन ने सभी कला-प्रेमियों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों से इस अनूठी प्रदर्शनी के अवलोकन हेतु उपस्थित होने का आह्वान किया है।

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