बिहार विधानसभा का पहला सत्र शुरू: शपथ के बीच सौहार्द, बाहर सियासी तेवर तेज — पहले दिन दिखे कई दिलचस्प नज़ारे

-बिहार विधानसभा का पहला सत्र शुरू: शपथ के बीच सौहार्द, बाहर सियासी तेवर तेज — पहले दिन दिखे कई दिलचस्प नज़ारे

दीपक कुमार तिवारी।पटना।

बिहार में नई सरकार के गठन के बाद 18वीं विधानसभा का पहला सत्र सोमवार से औपचारिक रूप से शुरू हो गया। सत्र की शुरुआत शपथ ग्रहण से हुई, जहाँ परंपरा और राजनीति दोनों का अनोखा संगम देखने को मिला।

सम्राट चौधरी के शपथ लेते ही तेजस्वी का अभिवादन:

सबसे पहले मंत्रियों को शपथ दिलाई गई।
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी जब शपथ लेने पहुँचे तो विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव अपनी सीट से खड़े होकर उनसे हाथ मिलाने पहुँचे।
सियासी कटुताओं के दौर में यह दृश्य एक दुर्लभ सौहार्द का इशारा देता दिखा।

विजय सिन्हा ने नीतीश कुमार के पैर छुए, तेजस्वी से गले मिले:

शपथ के बाद दूसरे डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
यही नहीं, उन्होंने तेजस्वी यादव से भी गले लगकर राजनीतिक मर्यादाओं की मिसाल पेश की।
कहा जा सकता है कि तल्ख़ बयानबाज़ी के बीच शिष्टाचार अभी भी ज़िंदा है।

पहले दिन के दिलचस्प नज़ारे:

सदन परिसर में कई अनोखे दृश्य भी देखने को मिले—

गया के टेकारी से विधायक अजय डांगी ऑटो से विधानसभा पहुँचे, सादगी का संदेश देते हुए।

आठ बार के विधायक और बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार ने प्रवेश से पहले भूमि को प्रणाम कर परंपरा का पालन किया।


भाई वीरेंद्र का हमला—”सरकार वोट चोरी से बनी”

उधर सदन पहुँचते ही RJD विधायक भाई वीरेंद्र ने सरकार पर सीधा हमला बोला।
उन्होंने कहा,
“ये सरकार वोट चोरी से बनी है, जनता ने इन्हें नहीं चुना। संख्या कम है, मगर हमारी आवाज़ बुलंद है।”
इस बयान से साफ झलक रहा है कि आगे आने वाले दिनों में सदन में राजनीतिक तकरार तेज़ रहने वाली है।

सत्र का कार्यक्रम:

शपथ ग्रहण की प्रक्रिया प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव की देखरेख में पूरी हो रही है।
आगे का कार्यक्रम इस प्रकार है—

2 दिसंबर: विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव

3 दिसंबर: राज्यपाल का दोनों सदनों को संबोधन

4 दिसंबर: धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा और सरकार का जवाब

5 दिसंबर: द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पर चर्चा, सत्र समाप्त

नए विधायकों के लिए हेल्प डेस्क:

सदन में नए विधायकों को सुविधा देने के लिए विशेष हेल्प डेस्क बनाया गया है, जहाँ उन्हें बैठने की व्यवस्था, सदन की प्रक्रिया और अंदर जाने के रास्तों की जानकारी दी जा रही है।

कुल मिलाकर, पहले ही दिन बिहार की राजनीति में शपथ से अधिक शोर-शराबा, सदन से ज्यादा सियासत और मर्यादा के बीच तल्ख़ तेवर साफ देखने को मिले।

Related Articles