पटना में शादी समारोह बना मातम: जयमाला के दौरान हर्ष फायरिंग में दूल्हे के फूफा की मौत

परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

-पटना में शादी समारोह बना मातम: जयमाला के दौरान हर्ष फायरिंग में दूल्हे के फूफा की मौत

-परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

पटना। ब्यूरो।

राजधानी पटना में एक शादी समारोह की खुशियां उस वक्त मातम में बदल गईं जब जयमाला के दौरान हर्ष फायरिंग में दूल्हे के फूफा की गोली लगने से मौत हो गई। यह दर्दनाक घटना धनरूआ थाना क्षेत्र के मुरादचक बरनी गांव की है, जहां शनिवार देर रात शादी समारोह के दौरान हुई गोलीबारी ने जश्न को ग़म में बदल दिया।

मृतक की पहचान 22 वर्षीय रवि कुमार उर्फ हितेश के रूप में हुई है, जो पथरहट गांव निवासी भूषण कुमार का पुत्र था। रवि रिश्ते में दूल्हे का फूफा था। उसे गंभीर हालत में पीएमसीएच ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

जयमाला के दौरान चली गोली, दूल्हे के बगल में खड़े थे रवि:

घटना के वक्त रवि दूल्हे मुकेश कुमार के बगल में स्टेज पर खड़ा था। बारात पालीगंज थाना के लालगंज सेहरा गांव से आई थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जयमाला के दौरान भीड़ ज्यादा हो गई और धक्का-मुक्की होने लगी। इसी दौरान गोली चलने की आवाज़ आई और रवि घायल होकर गिर पड़े।

पिता का गंभीर आरोप: पिटाई के बाद मारी गई गोली:

मृतक के पिता भूषण कुमार ने मामले में हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि “जयमाला के दौरान भीड़ में धक्का-मुक्की हुई, इस दौरान लड़की के पिता रामजी प्रसाद और उनके बेटे ने मेरे बेटे की पिटाई की और फिर उसकी कनपटी में गोली मार दी।” उन्होंने इसे सुनियोजित हत्या करार दिया है।

पुलिस का दावा: हर्ष फायरिंग में लगी गोली, जांच जारी:

धनरूआ थानाध्यक्ष शुभेंदु कुमार ने बताया कि मामले की सूचना पुलिस को देर से दी गई। फिलहाल मृतक के पिता के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने कहा कि शुरुआती जांच और वीडियो फुटेज के आधार पर घटना हर्ष फायरिंग का नतीजा प्रतीत होती है, लेकिन सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।

फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं:

पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और शादी समारोह के वीडियो फुटेज की बारीकी से पड़ताल की जा रही है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

लगातार हो रही हर्ष फायरिंग की घटनाएं:

बिहार में शादी समारोहों के दौरान हर्ष फायरिंग की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। प्रशासन की सख्ती के बावजूद ऐसी घटनाएं रोकने में नाकामी चिंता का विषय बनी हुई है।

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