-दुनिया में भारत सबसे प्राचीन राष्ट्र है- ब्रह्मा जी राव
भागलपुर से शशि भूषण मिश्र की रिपोर्ट।
गणपतराय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर नरगाकोठी चंपानगर में चल रहे भारती शिक्षा समिति एवं शिशु शिक्षा प्रबंध समिति द्वारा आयोजित सेवा स्थायित्व प्रशिक्षण वर्ग का प्रारंभ भारती शिक्षा समिति के प्रदेश मंत्री भरतपूर्वे , प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा एवं पटना के विभाग निरीक्षक रमेश मणि पाठक द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।
विद्या भारती के अखिल भारतीय मंत्री ब्रह्मा जी राव ने कहा कि दुनिया में भारत सबसे प्राचीन राष्ट्र है। उन्होंने 5 आयाम की चर्चा करते हुए कहा नागरिक कर्तव्य ,स्वदेशी आचरण, स्ववेश,कुटुंब प्रबोधन,सामाजिक समरसता वर्तमान समय की आवश्यकता है ।भारत के लोगों को परंपरागत बेश पहनना चाहिए। स्वदेशी खानपान एवं स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए। विदेशों में परिवार व्यवस्था नहीं है अपने यहां परिवार व्यवस्था चलता है। जीवन में शादी एक ही बार होता है इसलिए वर्षगांठ बनाने की आवश्यकता नहीं है। नारियों का सम्मान करें। सब को जोड़ने का कार्य करना चाहिए। सामाजिक समरसता में एक साथ बैठकर खाना खाना चाहिए। अनुसूचित जाति जनजाति को अपने घर में बुलाकर खाना खिलाना चाहिए। पर्यावरण का संरक्षण करना चाहिए। तुलसी, गाय का संरक्षण करना चाहिए। नदियों को प्रणाम करें, वृक्ष को कटने से रोकें अति आवश्यकता होने पर काटने से पहले प्रार्थना करें। वर्तमान समय में पानी कम हो रहा है जलस्तर घट रहा है इसके संरक्षण की आवश्यकता है। हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है तो लघु उद्योग, कुटीर उद्योग लगाना है। आयुर्वेद में रिसर्च करने की आवश्यकता है। जैविक खेती का विकास होना चाहिए। जर्सी गाय के दूध से बचना चाहिए क्योंकि उसमें पौष्टिक कम है।
प्रदेश मंत्री भरतपूर्वे ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 क्यों आवश्यक है पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया। उन्होंने कहा अंग्रेजों के आने से पहले हमारे देश में गुरुकुल शिक्षा पद्धति थी।
स्थानीय भाषा पर जोर देने की जरूरत है। कक्षा जीरो से द्वितीय तक बैगलेश शिक्षा की व्यवस्था के बारे में उन्होंने बताया। 5 + 3 + 3 + 4 पर आधारित शिक्षा का के बारे में बताया गया। उन्होंने कहा आज ज्वायफुल लर्निंग एवं क्रिया आधारित शिक्षा की आवश्यकता है। वोकेशनल कोर्स से जुड़ी शिक्षा होनी चाहिए।
सीबीएसई की रिसोर्स पर्सन डॉ पूजा ने लर्निंग आउटकम के बारे में बताया एक वर्ष के भीतर एक कक्षा में सीखने के अधिकतम निर्धारित लक्ष्यों से है जिन्हें बालकों से अधिकतम स्वतंत्र अवसर प्रदान कर प्राप्त करना है। यह लक्ष्य अंक, भाषा ,समाज परिवेश ज्ञान से है जिससे बालक का सर्वांगीण विकास संबंधित है।
आज के प्रशिक्षण वर्ग में अतिथि परिचय का कार्य पटना के निरीक्षक रमेश मणि पाठक द्वारा किया गया। इस अवसर पर ब्रह्मा जी राव ,भरतपूर्वे , प्रदीप कुमार कुशवाहा रमेश मणि पाठक, उमाशंकर पोद्दार, ब्रह्मदेव प्रसाद, सतीश सिंह, रामचंद्र मंडल ,साकेत कुमार ,आलोक कुमार, सुजीत कुमार गुप्ता, अशोक मिश्र, आभाष कुमार एवं भाग ले रहे प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे ।